الحلقات 8
चैप्टर 1: जीवन के नियम
विकास, मुकाबला और सामूहिक विनाश. धरती पर लगभग चार अरब सालों से जीवन के उत्थान और पतन के पीछे यही तीन मौलिक नियम रहे हैं.
اقرأ أكثرचैप्टर 2: पहली सरहद
अरबों सालों तक धरती जीवों के रहने लायक नहीं थी. पर समंदर में शिकार के कारण प्रजातियां दो बार बड़े पैमाने पर विलुप्त हुईं, जिसके पहले और बाद में जीवन को पनपने का मौका मिला.
اقرأ أكثرचैप्टर 3: घुसपैठिये
फैली हुई काई, विशालकाय पेड़, उड़ने वाले कीड़े, पंजों वाले एम्फ़िबियन: शुरुआती प्रजातियां जहां अपने वर्चस्व के लिए मुकाबला करती रहीं, वहीं जीवों के लिए धरती कठोर से अनुकूल बनती गई.
اقرأ أكثرचैप्टर 4: क्रूरता की हद
धरती पर हुए तीसरे महाप्रलय के बाद, सुपरकॉन्टिनेंट पैंजिया पर स्तनधारी जीवों के जीवित बचे पूर्वजों ने अपना कब्ज़ा जमाया. पर जल्द ही छिपकलियों ने रेप्टाइल युग की शुरुआत कर दी.
اقرأ أكثرचैप्टर 5: विशाल जीवों के साए में
अलग-अलग वातावरण वाले महाद्वीपों के बनने से अचानक जैव विविधता की बाढ़ सी आ गई - और इससे ताकतवर डायनासोर्स का तेज़ी से विकास हुआ.
اقرأ أكثرचैप्टर 6: तबाही के बाद
डायनासोर्स का अंत एक विनाशकारी उल्कापिंड के कारण हुआ. खाक से पनपे परिंदों ने अपनी 10,000 प्रजातियों के दम पर खुद को एक मज़बूत वंश के रूप में विकसित किया.
اقرأ أكثرचैप्टर 7: धरती की विरासत
डायनासोर्स के साए से निकले स्तनधारियों ने खेल का रुख बदलने वाली अपनी अनुकूलन क्षमता के दम पर धरती, हवा और समंदर पर दबदबा कायम किया और छुपे रुस्तम से ग्लोबल पावर बन गए.
اقرأ أكثرचैप्टर 8: संघर्षों से भरा हिम युग
हिमयुग के खत्म होने के साथ ही मानव, बाकी जीवों के मुकाबले ऊपर उठ गया. पर अब एक छठवीं सामूहिक विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है: क्या हमारी चतुराई हमारे पतन का कारण बनने वाली है?
اقرأ أكثر